अखिर क्यों दुनिया मे आती हर 100 साल के अन्तराल महामारी ? क्यों 2020 के आकड़ों का साल दुनिया के लिये महामारी का कारण बनता है। दोस्तो आज पूरी दुनिया कोरोना के कहर से जूझ रही है। पूरी दुनिया के scientist रात दिन कोरोना का इलाज ढूंढ रही है फिर भी सफलता नही प्राप्त कर पाये।आज हम इतने adavnce technology के साथ मे होते हुए भी कोरोना का इलाज नही ढूंढ पा रहे है ।तो जरा सोचिये आज से सैंकड़ो साल पहले किसी महामारी के attack से क्या होता होगा ।
आप दुनिया का इतिहास उठा कर देख लीजिये। जिनमे अपको ऐसी घटना मिलेगी जिस वजह से करोड़ो लोग मौत के मुह मे चले गये थे। लेकिन अब हम अपको जो जानकारी बताने जा रहे है। उससे आपको इन महामारी के आकडो को समझने मे मदद मिलेगी। क्युकि हर 100 साल पर एक नई महामारी लौट कर आती है अर्थात हर 100 साल मे दुनिया को एक नई महामारी का सामना करना पड़ता है। जिस तरह आज पूरी दुनिया कोरोना की चपेट मे आई है।
हर 100 साल मे इंसानों को एक नई महामारी की दवा खोजनी पड़ती है ऐसा कोई एक बार नही पिछ्ले 400 सालो से होता आ रहा है। लगातार 400 सालो से महामारी पूरी दुनिया मे अपना कहर मचाती है हालाकि इसमे एक बात common रही है हर सदी मे 20 आकड़ा जिसे इस बार 2020 का अकड़ा वैसे ही 1720,1820,और 1920 भी महामारी से निपट चुके है। आइये जानते है 400 सालो मे किस किस महमरियो ने लोगों को मौत के घाट उतारा है
1720 मे-
‘प्लेग का attack’ यह दुनिया की सबसे पहली महामारी है इसे ग्रेट प्लेग आफ मार्सेल कहा जाता है यह पूरी दुनिया में फैल गया था। मार्सेल फ्रांस का एक शहर का नाम है। उस वक़्त दुनिया मे इतनी ज्यादा जनसंख्या नही थी फिर भी आप इस बात को जान कर अंदाजा लगा सकते है की मार्सेल मे फैले प्लेग से 1 लाख लोग की मौत हुई थी प्लेग फैलते ही 50 हजार लोग मारे गये बाकी 50 हजार लोग अगले 2 सालो मे मर गये। उस वक़्त लाशों का कोहराम मच गया था साल 1807 मे यह महामारी चाइना के अन्दरूनी इलाको मे अपना पैर पसार चुकी थी। चाइना से ही यह बिमारी भारत मे पहुची, भारत मे इस बिमारी की शुरुआत 1890 मे हुई । इसने चाइना से ज्यादा कोहराम भारत मे मचाया। भारत में ने बड़ी संख्या मर लोगो को चपेट मे ले लिया।
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1820 मे – cholera (हैजा)
1720 के ठीक 100 साल बाद 1820 मे cholera (हैजा) नाम की महामारी ने दुनिया मे अपना कोहराम मचाया था।
1820 मे cholera (हैजा) ने ऐशिया के देशो मे महामारी का रूप लिया। इस महामारी ने जापान , खाड़ी के देश,भारत,बैंकाक,जावा,भुटान ,चाइना ,मॉरीशस,सीरिया इन सभी देशो को अपनी जकड़ मे ले लिया।cholera (हैजा) की वजह से जावा मे 1 लाख लोगो की मौत हुई थी । सबसे ज्यादा मौत थाईलैंड फिलिपिक्स इंडोनेशिया मे हुई थी। इस महामारी ने बड़ी संख्या मे लोगो की जिन्दगी चीन ली।
1920 मे-
cholera (हैजा) महामारी के ठीक 100 साल बाद मे 1920 मे एक नई बिमारी स्पैनिश फ्लू का कहर बरसा। वैसे यह फैला तो 1918 से ही था लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर 1920 मे देखने को मिला।जब प्रथम विश्व युध्द की शुरुवात हुई थी।तब स्पैनिश फ्लू ने भी अपना असर दिखाना चालू कर दिया था। प्रथम विश्व युध्द मे जितने लोग मारे गये थे उससे दुगना लोगो को स्पैनिश फ्लू ने अपने चपेट मे ले लिया था। कहा जाता है की इस फ्लू की वजह से पूरी दुनिया मे 5 करोड़ लोग मारे गये थे इस संक्रमण ने भारत मे लगभग 2 करोड़ लोगो की जान ले ली थी इनमे से पंजाब,हरियाणा,हिमांचल प्रदेश और पकिस्तान पंजाब को मिलाकर 8 लाख लोगो की मौत हो गयी थी।यह मानव इतिहास की सबसे भीषण महामरियो मे से एक मानी जाती है।
साल 2020 कोरोन को महामारी –
लोग कोरोना का नाम सुनकर ही सहम जाते है । चाइना के wuhaan शहर से शुरु हुई यह बीमारी की है। आज इस महामारी से लाखों लोग संक्रमित हो चुके है। और हजारो लोग इसमे मारे जा चुके है। और अब भी ये बीमारी लोगों को अपना शिकार बनाती जा रही है scientist दिन रात इसका इलाज ढूंढने मे लगे हुए है मगर अभी तक सफलता हाथ नही आयी। आज पूरी दुनिया घरो मे कैद है घरो से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। इतिहास मे पहली बार ऐसा हुआ जब पुरी दुनिया के लोग घरो मे कैद है।
दुनिया के सभी scientis अभी तक येह साबित नही कर पाये है की यह सिर्फ 100 साल के अन्तराल मे ही क्यों अती है एक नई महामारी यह अभी तक एक रहस्य ही है।