15 August भारत का एक राष्टीय पर्व है. जिसको पूरा देश बड़ी श्रद्धा और हर्षोल्लास से मनाता है. लेकिन 15 अगस्त इसको क्यों मनाया जाता है इसके पीछे का क्या इतिहास है ? यह सभी लोगों को यह पता होगा कि क्यों मनाया जाता है और हमारे देश के कितने वीर इसके लिए अपना सर्वस्व बलिदान दिया और देश को आजादी दिलाई. 15 अगस्त केवल भारत ही नहीं बल्कि कुछ और भी देश है जो सेलिब्रेट करते है.
18वीं सदी के अन्त तक भारत अंग्रेजों का गुलाम बनकर रहा है, जिसके बाद महात्मा गांधी सहित कई वीरों के कढ़े प्रयासों से 15 अगस्त सन 1947 में भारत देश को आजादी मिली । यह आजादी लगभग 200 सालों के बाद मिली . इस आजादी के लिए भारत के कई वीर सपूतों ने बलिदान दिया है । सन 1857 से आरंभ हुआ था स्वतंत्रता प्राप्त करने का आंदोलन जो 15 अगस्त 1947 को समाप्त हुआ. तो चलिए जानते है 15 अगस्त के बारे में कुछ और रोचक बातें…
15 अगस्त की रोचक और जरुरी तत्व
7 अगस्त 1906 में कोलकाता में पहली बार राष्ट्रध्वज फहराया गया था। जिस ध्वज में लाल, हरी और पीले रंग की क्षैतिज पट्टियों पर कमल का फूल बना हुआ था। जो गैरअधिकारिक था, लेकिन 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इस ध्वज में चरखे की जगह सम्राट अशोक का धर्म चक्र बना दिया और इसे राष्ट्रीय ध्वज का स्थान दिया।
सबसे हैरान करने वाली बात ये थी कि जब 15 अगस्त 1947 में देश को जिनके प्रयासों से आजादी मिली थी. तब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इस जश्न में शामिल नहीं थे, क्योंकि वे उस दिन बंगाल के नोआखली में हिंदूओं और मुस्लमानों के दंगों को रोकने के लिए अनशन पर बैठे हुए थे।
हमारा देश भारत 15 अगस्त को आजाद जरुर हो गया था लेकिन उस समय भारत के पास अपना कोई राष्ट्रगान नहीं था। 1911 में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गयें जन-गण-मण को 1950 में राष्ट्रगान का दर्जा प्रदान किया गया।
जैसे आप सब जानते हैं हर स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं, लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था। लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त को झंडा न फहराकर 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था ।
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राष्ट्रगान
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जय गाथा।
जन गण मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
राष्ट्रीय गीत
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥
देश की आजादी के लिए क्यों चुनी गई 15 अगस्त की तारीख
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सी राजगोपालाचारी के सुझाव पर माउंटबेटन ने भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी. माउंटबेटन 15 अगस्त की तारीख को शुभ मानते थे इसीलिए उन्होंने भारत की आजादी के लिए ये तारीख चुनी थी. द्वितीय विश्व युद्ध के समय 15 अगस्त, 1945 को ही जापानी आर्मी ने आत्मसमर्पण किया था और उस समय माउंटबेटन अलाइड फ़ोर्सेज़ के कमांडर थे. इसलिए 15 अगस्त तारीख को माउंटबेटन शुभ मानते थे ।
इन देशों में भी 15 अगस्त को ही मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस।
क्या आप जानते हैं15 अगस्त का दिन भारत के लिए तो ऐतिहासिक है ही, लेकिन कुछ ऐसे भी देश हैं जहां इस दिन को बड़े जश्न के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन वे भी आजाद हुए थे । तो आइये जानते है की भारत के अलावा वे कौन-कौन से देश हैं, जो 15 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं?
1. कॉन्गो
कॉन्गो 15 अगस्त 1960 को अफ्रीका देश फ्रांस के चंगुल से आजाद हुआ था. 1880 में कॉन्गो पर फ्रांस ने कब्जा कर लिया था उसके बाद ये रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो बना. . और फिर 1903 में ये मिडिल कॉन्गो बना.
2. बहरीन
15 अगस्त 1971 को बहरीन ने ब्रिटेन से आजादी हासिल की थी. 15 अगस्त को बहरीन और ब्रिटेन के बीच एक ट्रीटी हुई थी, जिसके बाद ब्रिटेन ने बहरीन के साथ एक आजाद देश की तरह रवैया अपनाया. इसी दिन बहरीन के शासक इसा बिन सलमान अल खलीफा ने बहरीन की गद्दी को संभाला था .
3. साउथ कोरिया
साउथ कोरिया भी 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. 15 अगस्त की सुबह 1945 को साउथ कोरिया को जापान से आजादी मिली थी. इस दिन को साउथ कोरिया के लोग नेशनल हॉलीडे के रूप में मनाते हैं.
4. नॉर्थ कोरिया
नॉर्थ कोरिया भी 15 अगस्त 1945 को जापान से शाम के वक्त आजाद हुआ था । यह भी अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाता है. इस दिन यहाँ नेशनल हॉलीडे होता है. और छुट्टी का दिन होने की वजह से इसी दिन यहां शादी करने की भी परंपरा है.
कोरोना काल में ऐसे मनाएं आजादी का जश्न :-
- 74वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां शुरू हो गयीं हैं लेकिन कोरोना की वजह से इस साल माहौल अलग है। हर साल सारा देश राष्टीय त्वाहार 15 अगस्त बड़ी धूम धाम से मनाता हैं. लेकिन इस बार कोरोना महामारी का कहर 15 अगस्त के जश्न पर भी पड़ रहा है.
- इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने 15 अगस्त को होने वाले कार्यक्रमों को लेकर गाइडलाइंस जारी की है। आइये जानते हैं उन गाइडलाइंस के बारे में…..
- गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस सुबह नौ बजे के बाद मनाया जायेगा।
वहीं हर साल की तरह जश्न और भव्य कार्यक्रमों को नजरअंदाज किया जाए और समारोह में ज्यादा संख्या में लोग भी शामिल न हों। - आदेशो में कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग के कारण जो लोग इस कार्यक्रम में भाग न ले पाएं, उनके लिए वेब कॉस्ट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
- राज्यों के लिए जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस को भी नौ बजे के बाद मनाए। और प्रदेश के मुख्यमंत्री ध्वजारोहण करें, उसके बाद राष्ट्रीय गान, पुलिस, पैरा मिलिट्री, होम गार्ड्स, एनसीसी व स्काउट्स के माध्यम से गार्ड ऑफ ऑनर लिया जाए।
- केंद्र सरकार ने गाइडलाइन में कहा है की यदि मंत्रालय को कोरोना योद्धाओं जैसे- डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी, सफाई कर्मचारी को प्रोत्साहित करना है या फिर उन्हें सम्मान देना चाहते हैं, तो उन्हें बुलाया जा सकता है। जिन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना कोविड-19 को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं।