कोरोना वायरस की रफ्तार दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है यह संक्रमण दुनियाभर में कोहराम मचाये हुए है. अमेरिका से लेकर इटली तक दुनिया के लगभग सभी देशों में यह वायरस लाखों लोगों को मौत के घाट उतार चूका है तो अभी करोणों इसकी चपेट में हैं। आज भी दुनिया में कोरोना के रोजाना लाखों मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि राहत देने वाली बात यह है कि इससे बड़ी संख्या में कोरोना मरीज ठीक भी हो रहे हैं। लेकिन इसके इलाज को लेकर सभी देश रोज एक नया अध्ययन कर रहें है ऐसे में कोरोना वायरस की दवा बनाने में बहुत जल्द सफलता हासिल कर लेंगे. वहीं पिछले कुछ महीनों में डेक्सामेथासोन, फेविपिराविर जैसी कई नई दवाएं भी लॉन्च हुई हैं। और इन्ही दवाओं से कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
आइये जानते हैं कोरोना वैक्सीन के बारे में….
दुनियाभर में 120 से ज्यादा वैक्सीन पर काम हो रहा है, जिनमें 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लिनकल ट्रायल फेज में हैं। भारत, ब्रिटेन, रूस, अमेरिका, चीन जैसे काई देश वैक्सीन बनाने के बहुत नजदीक पहुंच गए हैं। बात करें भारत की तो ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव देसी वैक्सीनों के कार्य पर वैज्ञानिकों को शाबासी दी। ICMR हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक के साथ वैक्सीन बना रही है। तो अहमदाबाद की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की वैक्सीन भी ह्यूमन ट्रायल में पहुंच चुकी है।
Felogard
भारत की Sun Pharmaceutical Industries Ltd. ने कोरोना मरीजों के लिए मंगलवार को Felogard Tablet लॉन्च की है। भारत में इस टेबलेट की कीमत 35 रुपये है। जिन मरीजों में कोरोना के हल्के लक्षण हैं उनका Felogard Tablet से इलाज किया जायेगा। यह दवा फेविपिराविर का वर्जन है।
Remdesivir
Remdesivir एक एंटीवायरल दवा है, इसे सबसे पहले 2014 में इबोला के इलाज में इस्तेमाल किया गया था. WHO के ट्रायल में इस दवा को Covid-19 के कारगर इलाजों में से एक माना गया है. पिछले महीने, अमेरिका के National Institute of Allergy and Infectious Diseases ने शुरुआती ट्रायल के आधार पर बताया था कि कोरोना मरीजों को देने वाली Remdesivir से 11 से 15 दिनों तक में सुधार हुआ है.
Tocilizumab
यह एक Immunity Booster दवा है जिसे आमतौर पर गठिया के इलाज में दी जाती है. मुंबई में 100 से अधिक गंभीर मरीजों का इलाज इस दवा से किया गया है. सरकारी अस्पतालों में ये दवा मुफ्त में दी जा रही है. देश के कई हिस्सों में इसका ट्रायल शुरू हो चुका है. ये दवा Roche Pharma कंपनी द्वारा बनाई जाती है जिसे भारत में एक्टेमरा ब्रांड के तहत बेचा जाता है.
Plasma therapy
Plasma therapy में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के शरीर से प्लाज्मा लेकर कोरोना के एक्टिव मरीजों का इलाज किया जाता है. जिससे उस मरीज के शरीर में कोरोना से लड़ने की एंटीबॉडी बन जाती है. प्लाज्मा थेरेपी देने वाले मरीजों का चयन ICMR के प्रोटोकॉल के तहत किया जाता है.
Gam-Covid-Vac Lyo
इस वैक्सीन का बनाने का दावा रूस ने किया है. इसको लेकर दुनिया में ये सवाल लगातार उठ रहें है। रूस का दावा है कि उसने वायरस को मात देने वाली वैक्सीन बना ली है और यह वैक्सीन मानव परीक्षण में 100 फीसदी सफल रही। रूस का कहना है वैक्सीन ने रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) विकसित करने में सफलता पाई है। रूस की इस वैक्सीन का नाम Gam-Covid-Vac Lyo है। इस दवा को संस्था गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है।
RLF 100
अमेरिका की संघीय संस्था खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने मिलकर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एक नई दवा को मंजूरी दी है। और इस दवा का नाम आरएलएफ-100 (RLF-100) है, जिसे हम Aviptadil नाम से भी जानते हैं। अमेरिकन डॉक्टरों का दावा है की इस नई दवा का कोरोना मरीजों पर इस्तेमाल किया है। और इस दौरान पाया गया है कि जिन्हें सांस लेने में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था वे मरीज बहुत तेजी से ठीक हुएं।
Moderna
अमेरिका की यह कोरोना वैक्सीन भी ह्यूमन ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंचने वाली है। मॉडर्ना (Moderna) नाम की फार्मा कंपनी ने coronavirus vaccine के ट्रायल में अंतिम चरण में है । कंपनी का दावा है कि वे 27 जुलाई से इसका अंतिम ट्रायल शुरू हो चूका है और 87 जगहों पर ट्रायल किया जा रहा है।
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